सोनीपत
जिले का इतिहास – History of Sonipat
सोनीपत ( Sonipat ) अति प्राचीन नगर है। सोनीपत का पुराना नाम सोनप्रस्थ था। जिसका अर्थ golden city है।
महाभारत काल मे युधिष्ठिर द्वारा कोरवों से मांगे गए पांच प्रान्तों में यह भी एक था। रामायण काल मे श्रवण कुमार अपने माता पिता को इस नगर से लेकर जाते समय यहाँ की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गया था।
11 वी शताब्दी में सोनीपत ( Sonipat ) का गवर्नर दीपल हर था जिसे सन 1037 में गजनी के सुल्तान महमूद ने तब हरा दिया था जब वह हिंदुस्तान में अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए पंजाब के रास्ते आगे बढ़ रहा था।
1765 ई० में नजीबुद्दौला ने सोनीपत पर आक्रमण किया और भयंकर युद्ध हुआ। नजीबुद्दौला ने बुआन गांव में आग लगा दी।
1871 में लगभग 1200 यूनानी बेक्टिरियाई आधे दिरदम खोज निकाले गए थे जिनसे पटक चलता है कि यह शहर अत्यधिक पुरातन है।
सोनीपत
कब बना – Sonipat Kab Bana
हरियाणा के इस प्रमुख औधोगिक जिले का गठन 22 दिसम्बर 1972 को रोहतक के दो तहसीलों सोनीपत व गोहाना को अलग करके बनाया गया था। बाद में दो तहसीलें गन्नौर व खरखौदा बनाई गई। इस जिले में प्रमुख नगर सोनीपत, कबीरपुर, बन्देपुर, शादीपुर, लहरारा, गोहाना, गन्नौर तथा खरखौदा है।
प्राचीन
मूर्तियां व सिक्के
इस जिले से यौधेयगण के सिक्के तथा नगर के समीप खुदाई में सूर्ययक्ष – यक्षिणी व आदिशिव और उनके वाहन नन्दी की मूर्तियां आदि मिले है। हर्षकालीन ताम्र मुद्राएँ व हर्षवर्धन की शीले भी सोनीपत जिले से मिली है। शुंगकालीन फलक सुध तथा फिजिलपुर ले लेटे हुए विष्णु की मूर्तियां मिली है।
सोनीपत
में विश्वविद्यालय – Sonipat Me University
1) NIFTEM FOOD विश्विद्यालय :- इसकी स्थापना 2011 में की गई थी।
2) राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय :- इसकी स्थापना सोनीपत जिले में 2012 में हुई।
3) ओपी जिन्दल विश्वविद्यालय :- इसकी स्थापना 2009 में हुई थी।
4) भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय :- यह विश्वविद्यालय सोनीपत जिले के खानपुरकलां में स्थित है।
इसकी स्थापना 2006 में की गई थी। भगत फूलसिंह महिला विश्वविद्यालय उत्तरी भारत का पहला महिला विश्वविद्यालय है।
जिले
में मुख्य फसलें
यह जिला खुंबी
के उत्पादन में
देशभर में अग्रणी
है। यहाँ की
प्रमुख फसलों में गेंहू,
धान, गन्ना, ज्वार,
बाजरा, दलहन, सूरजमुखी तथा
खुंबी है। राजधानी
दिल्ली के निकट
होने के कारण
यहाँ के किसानों
ने आम, माल्टा,
निम्बू, अमरूद तथा सब्जियां
उत्पादन में गहरी
रूचि ली है।
सोनीपत
में उद्योग – Sonipat Me Udhyog
सोनीपत ( Sonipat ) जिले के मुख्य उद्योगों में साइकिल उद्योग, कालीन, हस्तशिल्प, मशीनी उपकरण, सूती वस्त्र, कागज आदि है। विश्व प्रसिद्ध एटलस साइकिल का उद्योग यही पर है तथा जिले के मुरथल कस्बे में हरियाणा ब्रिवरिज लिमिटेड (बियर उत्पादन का कारखाना) स्थापित है।
सोनीपत
में प्रसिद्ध मकबरे व दरगाह – Sonipat Me Parsidh Makbare Or Dargah
1) मामू – भांजा मकबरा :- यह सोनीपत के पुराने अवशेषों में से एक है। यह दरगाह एक शिव मन्दिर में है। यह उन मामा भान्जे व्यापारी से जुड़ा है जो विदेश से आये थे और दुःखद परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी।
2) ख्वाजा खिज्र का मकबरा :- इसका निर्माण इब्राहिम लोदी ने करवाया था।
3) पीर जमाल की मजार :- यह मजार गोहाना में स्थित है। यह हिन्दू मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक है।
सोनीपत
में प्रमुख स्थान – Sonipat Me Parmukh Sthan
1) अकबरपुर बारोटा – सोनीपत ( Sonipat ) से लगभग 12 किमी दूर दक्षिण में यह गांव स्थित है। इस गांव में एक दरवाजा है जो कि अकबरी दरवाजा के नाम से प्रसिद्ध है। माना जाता है कि गुरु नानक देव जी इस गांव में पधारे थे। इसलिए होली वाले दिन गांव में गुरुनानक देव का मेला लगता है
2) गोहाना :- गोहाना का प्राचीन नाम गोऊध्वना था। प्राचीन काल मे दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चौहान का यहां पर एक किला था, जिसे मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज की पराजय के पश्चात ध्वस्त कर दिया था। 1861 ई० के डिस्ट्रिक्ट रिकॉर्ड से पता चलता है कि नगर का स्वामी एक राजपूत ओर एक बनिया था। इस कस्बे में दो प्राचीन जैन मंदिर भी है।
3) खेडी गुज्जर :- स्थानीय लोगों का विश्वास है कि यह स्थान मायना कोय, सतकुम्भा तथा जलालाबाद आदि विभिन्न नामों से जाना जाता था। एक किवदन्ती के अनुसार महाभारत एवं पुराण काल मे यह चक्रवर्ती राजा चकवावेंन कि राजधानी थी। इस स्थान की खुदाई से महाभारत काल के मिटटी के बर्तन प्राप्त हुए है।
सोनीपत
में
मुख्य
मेले
– Sonipat Me Mukhya Mele
1) डेरा नग्न बालकनाथ का मेला :- यह मेला सोनीपत जिले की रभड़ा तहसील में फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष नवमी को लगता है। यहां बाबा बालकनाथ की पूजा होती है।
2) नवरात्रि देवी का मेला :- यह मेला गोहाना क्षेत्र में चेत्र शुक्ल पक्ष अष्टमी तथा अशिवनी शुक्ल पक्ष में नवरात्रि के पर्व पर लगता है।
3) सतकुम्भा का मेला :- यह मेला सोनीपत जिले के खेड़ी गुज्जर ग्राम में श्रावण मास के अंतिम रविवार को लगता है।
4) बाबा रामकशाह का मेला :- यह मेला फाल्गुन मास की पूर्णमासी को लगता है। बाबा रामक शाह सैयद संम्प्रदाय के सन्त थे। वे लोगों का इलाज जड़ी बूंटीयो से करते थे। उनकी याद में इस मेले का आयोजन किया जाता है।
5) रक्षाबन्धन का मेला :- यह मेला सोनीपत में श्रावण मास की पूर्णमासी पर लगता है। इसमें निशानेबाजी, नाच गाना, कुश्तियां आदि पारम्परिक खेलों का आयोजन किया जाता है।
सोनीपत
में जन्म स्थली – Sonipat Me Janm Sthali
· चौधरी चरण सिंह
· योगेश्वर दत्त ( कुश्ती )
· सिमा अंतिल पूनियां ( एथलेटिक )
· लेफ्टिनेंट कर्नल होशियार सिंह ( परमवीर चक्र प्राप्त )
· हिमांशु मलिक ( अभिनय )
· लहरी सिंह ( स्वतंत्रता सेनानी )
· मोनिका मलिक ( हॉकी )
· बाजे भगत ( सिसाना 1855 )
· पंडित लख्मीचंद ( स्वांगी 1903 )
· विरासत अली ( किसान नेता )
महत्वपूर्ण
बिंदु
★ मोतीलाल नेहरू स्पोर्ट्स स्कूल सोनीपत के राई में 1973 में बनाया गया था।
★ हॉकी व कुश्ती अकेडमी सोनीपत ( Sonipat ) जिले में स्थित है।
★ केंद्रीय प्लास्टिक अभिनियन्त्रण संस्थान सोनीपत जिले मे है।
★ केंद्रीय खाद्य तकनीकी व प्रबन्धन संस्थान सोनीपत जिले में स्थापित किया गया है।
★ भारी वाहन चालक प्रशिक्षण संस्थान भी सोनीपत जिले में है।
★ अंतराष्ट्रीय बागवानी मार्केट सोनीपत जिले के गन्नौर में है।
★ सोनीपत ( Sonipat ) को एजुकेशन सिटी भी कहते है।
★ देश का पहला आंगनबाड़ी नन्दघर सोनीपत के हसनपुर में है।
★ राई फ़ूड पार्क सोनीपत जिले में है।
★ सिटरस उत्पादन में प्रथम स्थान पर सोनीपत जिला है।
★ सोनीपत को हरियाणा की education capital कहा जाता है।
★ दरियापुर का किला सोनीपत जिले में है। इसे पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया था। 1192 ई० में मुहम्मद गोरी ने इसे नष्ट कर दिया था।
औद्योगिक विकास
दिल्ली से निकटता होने के कारण सोनीपत के औद्योगिक विकास का सहयोग मिला है।
कृषि
सोनीपत ज़िला एक मैदानी इलाक़ा है। जिनके 83 प्रतिशत हिस्से में खेती होती है। गेहूँ और चावल प्रमुख फ़सलें है, अन्य फ़सलों में ज्वार, दलहन, गन्ना, बाजरा, तिलहन और सब्ज़ियां शामिल हैं
सिंचाई
कुल कृषि योग्य क्षेत्र का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा नहरों और नलकूपों द्वारा सिंचित है।
उद्योग
सोनीपत देश के अग्रणी साइकिल निर्माताओं में से एक है। इसके अतिरिक्त अन्य उद्योगों के मशीनी उपकरण, सूती वस्त्र, होज़री, शक्कर, इस्पात पुनर्ढ़लाई, सिलाई मशीन के पुर्जे, परिवहन उपकरण तथा पुर्ज़े, क़ालीन, हथकरघा वस्त्र और हस्तशिल्प में पीतल व तांबे की वस्तुएं शामिल हैं।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या नगरपालिका क्षेत्र की 2,16,213 थी। सोनीपत ज़िले की कुल जनसंख्या 12,78,830 थी।
2011 की जनगणना के अनुसार सोनीपत की कुल जनसंख्या 14,50,001 जिनमे 7,81,299 पुरुष तथा 6,68,702 महिलाए है। [5]