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Jhajjar GK - History of Jhajjar - Jhajjar District Current GK in Hindi - हरियाणा का झज्जर जिला

 

झज्जर का इतिहास – History of Jhajjar

झज्जर जिला ( Jhajjar District ) हरियाणा राज्य का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। इसकी स्थापना छज्जु नाम के एक जाट ने की थी। पहले इसका नाम छज्जु नगर पड़ा, कालांतर में यह झज्जर हो गया। इस जिले के दो प्रमुख नगर बेरी बहादुरगढ़ है।

झज्जर ( Jhajjar ) के नवाब अब्दुर्रहमान खां ने अंग्रेजों से टक्कर ली और इस प्रदेश के लोगों के सामने देशप्रेम के लिए प्राण तक न्यौछावर करने का आदर्श प्रस्तुत किया। झज्जर में एक प्रमुख गुरुकुल है जहाँ पर स्थित संग्रहालय में अनेक प्राचीन सिक्के रखे है।

फिरोजशाह तुगलक के शासन में झज्जर नगर विद्यमान था, जिसने सतलुज से झज्जर तक नहर खुदवाई थी।

झज्जर कब बना – Jhajjar Kab Bna

रोहतक जिले इसे अलग कर 15 जुलाई 1997 को यह नया जिला बनाया गया। पहले यह जिला रोहतक का हिस्सा था|

प्रमुख स्थल

1) जहाजगढ़ :-  एक आयरिश साहसिक जॉर्ज थॉमस ने 18 वी सदी के अंत मे यहाँ एक किला बनवाया था जिसका नाम जॉर्जगढ़ रखा। बाद में इसका नाम बदलकर जहाजगढ़ हो गया। यहां वार्षिक पशु मेले का आयोजन भी किया जाता है।

2) बहादुरगढ़ :-  इसकी स्थापना राठी जाटों द्वारा की गई। पहले इसे शराफाबाद के नाम से जाना जाता था। मुगल शासक आलमगीर द्वितीय ने उसे फरुखनगर के दो बलूची बहादुर खा ओर तेज खां को 1755 ई० में जागीर के रूप में दे दिया था। उन्होंने यहाँ एक किला बनवाया जिसका नाम बहादुरगढ़ रखा। वर्तमान में यह ओधोगिक केंद्र के रूप में विकसित हो गया है।

3) ठाकुर द्वार :-  यह झज्जर ( Jhajjar ) जिले के कुतानी गांव में स्थित है। इसे इस जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है

4) संग्रहालय :-  यह राज्य का सबसे बड़ा संग्रहालय है। इसकी स्थापना 1959 में कई गई थी, जिसमे संग्रहालय के निदेशक ओमानन्द सरस्वती ने देश विदेश की कई दुर्लभ वस्तुएं संग्रहित की है। इसमें देश के विभिन्न राजा महाराजाओं की कलाकृतियां तथा मुद्राएँ देखने को मिलती है।

5) भीमेस्वरी देवी मंदिर :-  बेरी गांव में स्थापित यह मंदिर अति प्राचीन है। कहा जाता है कि इस मंदिर  का सम्बंध महाभारत काल से है। नवरात्रि के समय इस प्रसिद्ध मंदिर पर मेले का आयोजन किया जाता है।

6) बुआ का गुबंद :-  झज्जर ( Jhajjar ) नगर में स्थित इस गुबंद का निर्माण मुस्तफा करनोल की बेटी बुआ ने अपने प्रेमी की याद में करवाया था। इस गुबंद के पास एक भव्य तालाब का निर्माण भी करवाया था।

7) बेरी :-  बेरी जिला झज्जर ( Jhajjar ) का एक प्राचीन कस्बा है। यह तालाबों, विशाल हवेलियों तथा मंदिरों के लिए  प्रसिद्ध रहा है। बेरी में नवनिर्मित प्राचीनतम 80 मन्दिर है। इनमे से एक मंदिर भीमेश्वरी देवी तो महाभारत काल से अपना सम्बन्ध रखता है।  बेरी के हर मन्दिर का अपना कोई कोई इतिहास है। इनमे लाल रूढमल मन्दिर भी अतीत की धरोहर है।

प्रमुख मेले

1) भीमेस्वरी का मेला :- यह मेला बेरी नामक स्थान पर नवरात्रि के दिनों में लगता है।

2) गुगा नवमी के मेला :-  यह मेला झज्जर जिले के बादली नामक स्थान पर लगता है।

3) बाबा बूढा का मेला :-  झज्जर जिले के आसौदा नामक स्थान पर सितम्बरअक्टूबर माह में इस मेले का आयोजन किया जाता है।

4) बाबा गन्तिदास का मेला :-  यह मेला छुड़ानी नामक स्थान पर फरवरीमार्च में आयोजित किया जाता है।

5) श्यामजी का मेला :-  यह मेला झज्जर जिले के दूबलधन माजरा में फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी में लगाया जाता है।

प्रमुख जन्म स्थली

·         सन्त गरीबदास :-  इनका जन्म छुड़ानी ( झज्जर ) में हुआ था। इन्होंनेबीजकपर टिका की रचना की। इनकी अन्य रचनाएंहिजर बोधमें संकलित है।

·         पंडित दिन दयाल शर्मा :-  इनका जन्म झज्जर ( Jhajjar ) में हुआ था। ये हिन्दू महासभा के संस्थापक सदस्य थे।

·         पंडित श्रीराम शर्मा :-    इनका जन्म 1 अक्टूबर 1899 को झज्जर में हुआ था। कांग्रेस के सभी पांच सत्याग्रहों में भाग लेने के कारण ये सात वर्षों तक कारावास में रहे।

·         इन्होंने वर्ष 1923 में रोहतक से आजादी के समर्थन में उर्दू और हिन्दी मेहरियाणा तिलकनामक साप्ताहिक पत्र निकाला औरहरियाणा का इतिहासतथाहरियाणा के नवरतनका लेखन कार्य किया।

·         श्रीराम शर्मा ने 1917 में रोहतक जिले में होमरूल आंदोलन का नेतृत्व भी किया था। 17 अक्टूबर 1989 को ये पंचतत्व में विलीन हो गए।

·         अब्दुर्रहमान खां    ( स्वतन्त्रता सेनानी )

·         नवाब बहादुर जंग खां      ( मुख्य सामंत नेता )

·         बजरंग कुमार      ( खिलाडी )

·         रिसालदार बदलू सिंह  (  विक्टोरिया क्रोस प्राप्त )

प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य

·         भिंडावास वन्य जीव अभ्यारण्य :-  यह अभ्यारण्य झज्जर ( Jhajjar ) जिले में अवस्थित है| इसकी स्थापना 3 जून 2009 को की गई थी| यह अभ्यारण्य सूंदर झील के लिए प्रसिद्ध है| यहां पक्षियों की 250 प्रजातियां पाई जाती है| यहां भूरे हंस, बत्तख, लाल बुलबुल, किंगफ़िशर प्रसिद्ध है|

·         खपड़वास वन्य जीव अभ्यारण्य :-  इसकी स्थापना झज्जर जिले में 1991 में  की गई थी| यह प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है|

अन्य महत्वपर्ण बिंदु

* संस्कृत भाषा का एक अभिलेख कुलाल खा की मस्जिद  से प्राप्त  हुआ है|

* झज्जर जिले में हिंदी माध्यम की प्रथम पाठशाला 1914 में स्थापित की गई|

* आणविक सुरक्षा दक्षता संस्थान भी झज्जर जिले में है|

* इंदिरा गाँधी सुपर तापीय परियोजना झज्जर जिले में है जिसकी उत्पादन क्षमता 1500 मेगावाट है|

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